द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भारत के संविधान को लेकर नहीं बनी थी बात
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में महात्मा गांधी 29 अगस्त 1931 को द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन गए थे, जिसमें भारतीय संविधान को लेकर कोई भी बात नहीं बन पाई थी। सम्मेलन में कंज़रवेटिव पार्टी नीत नई ब्रिटिश सरकार ने सांप्रदायिक मुद्दों को बढ़ावा दिया जिसके कारण सम्मेलन पूरी तरह से असफल रहा था।