केंद्र सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक में मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को 'शास्त्रीय भाषा' के रूप में मान्यता दे दी। सरकार के इस फैसले के बाद शास्त्रीय भाषाओं की संख्या 6 से बढ़कर 11 हो गई है। गौरतलब है, इससे पहले तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और उड़िया को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा प्राप्त था।