भारत का वह गांव जिसके लिए दोबारा बंटवारे से गुज़रा मुल्क
हुसैनीवाला गांव भारत-पाक बंटवारे के बाद पाकिस्तान में चला गया था लेकिन 1961 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में 12 गांवों के बदले में यह गांव भारत को वापस मिला। यहां भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की समाधि है। हर साल 23 मार्च और 14 अप्रैल को शहीद दिवस व बैसाखी पर मेले लगते हैं।