राजस्थान के मंदिर में होती है कुत्ते की पूजा, 200 साल पुरानी है इसकी कहानी
सांभर झील (राजस्थान) किनारे मंदिर में पीथा बाबा के साथ-साथ कुत्ता भी पूजा जाता है। पुजारिन संतोष देवी के अनुसार, 200-साल पहले जब संत पीथाराम अपने कुत्ते संग गांव लौट रहे थे तो डकैतों के हमले में उनकी मौत हो गई जिसके बाद कुत्ता उनके शव को लेकर गांव पहुंचा और बाद में कुत्ते की भी मौत हो गई थी।