इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा है कि 'यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम' के तहत भारत के हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश से 3 छात्रों का चयन कर मिनी-सैटेलाइट बनाने का व्यावहारिक अनुभव दिया जाएगा और सैटेलाइट अच्छे होने पर लॉन्च किए जा सकते हैं। इसमें अधिकतर 8वीं कक्षा के छात्र हिस्सा लेंगे और उन्हें इसरो लैब का ऐक्सेस भी मिलेगा।