मेरठ में 1960 में बने पुरुषोत्तम दास टंडन हिंदी भवन में पिछले कई वर्षों से भैंसो का तबेला (डेयरी) चल रहा है। भवन के ट्रस्टियों के अनुसार, डेयरियों को हटाने के बाद यहां एक बड़ा ऑडिटोरियम और हिंदी भवन बनेगा। ट्रस्टी की ओर से भवन निर्माण के लिए एमडीए में नक्शा पास करने के लिए आवेदन किया गया है।