अंग्रेज़ों के शासनकाल में सती प्रथा के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले राजा राममोहन रॉय को 'राजा' की उपाधि मुगल शासक अकबर द्वितीय ने दी थी। दरअसल, मुगल बादशाह अकबर द्वितीय ने उन्हें 'राजा' की उपाधि इसलिए दी थी ताकि वह ब्रिटेन जाकर उनकी ओर से ब्रिटेन के राजा से आर्थिक सहायता की मांग कर सकें।