लोकसभा में विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए समय निश्चित किया जाता है। चर्चा के अंतिम दिन स्पीकर मंत्रालयों की सभी शेष मांगों को मतदान के लिए पेश कर देते हैं भले ही उन पर चर्चा हुई हो या नहीं, इसी प्रक्रिया को 'गिलोटिन' कहते हैं। दरअसल, अनुदान मांगों पर लोकसभा में ही मतदान होता है।