संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत लोकसभा में कम-से-कम 100 या राज्यसभा में कम-से-कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर से सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके बाद जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया जाता है। हालांकि, जज को हटाने के लिए दोनों सदनों में कम-से-कम 2/3 बहुमत की ज़रूरत होती है।