असम में 1951 की जनगणना के बाद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की शुरुआत हुई जिसमें नाम नहीं होने पर शख्स को अवैध नागरिक माना जाता है। यह व्यवस्था अपनाने वाला असम एकमात्र राज्य है। गौरतलब है कि असम समझौता 1985 के मुताबिक, 24 मार्च 1971 की आधी रात तक राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना गया।