संजय दत्त ने कहा है कि जेल में बिताए समय ने उनका अहंकार तोड़ा और वह बेहतर इंसान बने। उन्होंने कहा, "उन दिनों मैंने अपने शरीर को सही आकार में रखना सीखा...मैं जेल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उम्रकैद की सज़ा काटने वालों को डायलॉग बोलना, गाना व डांस करना सिखाता था। मुश्किल समय में वे लोग मेरा परिवार बने थे।"