ब्रिटिश अखबार 'द टाइम्स' के मुताबिक, ब्रेग्ज़िट के मसले पर मतभेद बढ़ाने के लिए जनमत-संग्रह के आसपास 48 घंटों में रूसी ट्विटर अकाउंट्स से करीब 45 हज़ार ट्वीट किए गए थे। स्वानसी यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के डेटा साइंटिस्ट्स के अध्ययन के हवाले से ऐसा कहा गया है। हालांकि, रूस ब्रेग्ज़िट में हस्तक्षेप से लगातार इनकार करता रहा है।