सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को व्यभिचार (एडल्टरी) के लिए आईपीसी की धारा 497 पर सुनवाई करते हुए कहा कि व्यभिचार के लिए दोनों पक्ष बराबर ज़िम्मेदार होने चाहिए। बतौर कोर्ट, अगर विवाहित महिला पति के अलावा किसी अन्य विवाहित पुरुष से शारीरिक संबंध बनाती है तो सिर्फ पुरुष को सज़ा क्यों मिले जबकि महिला भी अपराध में बराबर भागीदार है।