महात्मा गांधी ने मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान (अगस्त क्रांति मैदान) से 8 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान करते हुए देशवासियों से कहा था, "करो या मरो।" उन्होंने आगे कहा, "आप सभी लोग यह मंत्र अपनी हर सांस से उच्चारित करें। या तो हम भारत को आज़ाद करेंगे या इस प्रयास में अपनी जान दे देंगे।"