भारतीय संविधान का अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर विधानसभा को स्थायी निवासियों को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है। जम्मू-कश्मीर सरकार की सहमति और राष्ट्रपति के आदेश से 1954 में संसद में पेश किए बगैर इसे संविधान में तत्काल प्रभाव से जोड़ा गया जिसे एक एनजीओ ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।