सरकार की आमदनी को दो हिस्सों में- पूंजीगत आय (Capital Receipt) और राजस्व आय (Revenue Receipt) बांटा जाता है। दरअसल, जिस आमदनी से सरकार की देनदारी बढ़ती है उन्हें पूंजीगत आय माना जाता है, जैसे जनता और आरबीआई से लिया गया ऋण। वहीं, जिस आमदनी को लौटाने की ज़िम्मेदारी सरकार पर नहीं होती वह राजस्व आय होती है, जैसे टैक्स।