विशेषज्ञों का अनुमान है कि 1 जुलाई से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कराधान, अकाउंटिंग और डेटा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में तत्काल रोज़गार के 1 लाख नए अवसर मिलेंगे। साथ ही उन्होंने जीएसटी से पारंपरिक नौकरियों के क्षेत्र में 10-13% की वार्षिक वृद्धि और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में पेशेवरों की मांग बढ़ने की उम्मीद जताई।