भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि निजता की परिभाषा अस्पष्ट है और किसी भी परिभाषा में यह मौलिक अधिकार नहीं हो सकता। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निजता का अधिकार अपने आप में संपूर्ण नहीं है और यदि हम निजता को परिभाषित करने का प्रयास करेंगे तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे।