शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि जनता ईश्वर है और नोटबंदी के चलते ईश्वर को भिखारी बनकर रहना पड़ रहा है। बतौर सामना, व्यापारियों को चिल्लर से काम चलाना पड़ रहा है। सामना में यह भी कहा गया है कि ब्रिटिश राज की तर्ज़ पर मोदी राज को ईश्वर का वरदान बताने वालों का उदय हुआ है।