इच्छामृत्यु के मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इच्छा मृत्यु को मंज़ूरी देने पर इसका दुरुपयोग संभव है और इन मामलों में अंतिम फैसला मेडिकल बोर्ड की राय पर होना चाहिए। दरअसल, एक एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा है कि 'जीने का अधिकार' की तरह नागरिकों को 'मरने का अधिकार' भी है।