जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट असोसिएशन में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, अत्यधिक स्क्रीन टाइम से बच्चों व किशोरों में हाई बीपी व पुअर कोलेस्ट्रॉल सहित कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम में बढ़ोतरी होती है। बकौल स्टडी, नींद की कमी और देरी से सोने से यह जोखिम बढ़ता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि 10 वर्षीय बच्चे रोज़ाना लगभग 3 घंटे डिवाइस पर बिताते हैं।