आरबीआई ने 6 जून को मॉनिटरी पॉलिसी में कैश रिज़र्व रेशियो (सीआरआर) में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की जिससे बैंकिंग सिस्टम में ₹2.5 लाख करोड़ की लिक्विडिटी बढ़ जाएगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सीआरआर में कमी से आम लोगों को फायदा होगा, उन्हें कम ब्याज दर पर लोन मिल जाएगा। बैंक के पास लोन देने को ज़्यादा राशि उपलब्ध रहेगी।