21 मई 1991 को तमिलनाडु में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद (तत्कालीन प्रधानमंत्री) वीपी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। इसका उद्देश्य समाज और देश में आतंकवाद व हिंसा के प्रभावों के बारे में लोगों को जागरुक करना है।