चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. श्रीश भटनागर के मुताबिक, बिहार में कोबरा को काटने वाला 1-वर्षीय बच्चा इसलिए बचा क्योंकि मुंह के रास्ते पाचन तंत्र में जाने पर ज़हर का असर कमज़ोर हो जाता है। ऐसिड और एंज़ाइम्स उसे निष्क्रिय कर देते हैं। जीएमसीएच बेतिया के डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे पर ज़हर का असर इतना ही हुआ कि वह बेहोश हो गया।