ट्यूब वाले टायर उबड़-खाबड़ रास्तों के लिए बेहतर होती है। इनकी मरम्मत आसान और सस्ती होती है लेकिन पंक्चर होने पर हवा तेज़ी से निकलती है जिससे हादसे का खतरा रहता है। वहीं, ट्यूबलेस टायर थोड़े महंगे होते हैं लेकिन ये बेहतर हैंडलिंग देते हैं। पंक्चर होने पर हवा धीरे निकलती है जिससे गाड़ी कुछ दूरी तक चल सकती है।