सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि पति-पत्नी के बीच गुप्त रूप से रिकॉर्ड की गई टेलीफोनिक बातचीत को तलाक के मामलों में सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है। कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि ऐसी रिकॉर्डिंग पत्नी के निजता के अधिकार का उल्लंघन है।