दादा को संस्कृत में 'पितामह:' और दादी को 'पितामही' कहा जाता है जबकि नाना को 'मातामह:' और नानी को 'मातामही' कहा जाता है। माता को संस्कृत में 'जननी', पिता को 'जनक:', भाई को 'भ्राता', बहन को 'भगिनी', छोटे भाई को 'अनुज:', बड़े भाई को 'अग्रज:', बड़ी बहन को 'अग्रजा', चाचा को 'पितृव्य' और चाची को 'पितृव्या' कहा जाता है।