भारतीय बीमा और नियामक प्राधिकरण की नई गाइडलाइंस के अनुसार, बीमा कंपनियों को ग्रुप इंडेमनिटी पॉलिसी को इंडिविज़ुअल कवर में स्विच करने की सुविधा देनी होगी। ऐसे में अगर आपकी कंपनी ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस देती है तो आप कंपनी छोड़ने से पहले उसे रिटेल पॉलिसी में पोर्ट करवा सकते हैं जिससे नई पॉलिसी लेने का झंझट खत्म हो जाता है।