बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा है कि किसी शख्स को अपनी पत्नी पर व्यभिचार का शक, उसके बच्चे के पितृत्व की पुष्टि करने के लिए डीएनए टेस्ट कराने का आधार नहीं बनता। एक नाबालिग लड़के का डीएनए परीक्षण कराने के आदेश को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, "ऐसी आनुवंशिक जांच...का आदेश असाधारण...मामलों में ही दिया जाता है।"