वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन करीब 1.4% घटकर ₹4.58 लाख करोड़ रहा। इस गिरावट का प्रमुख कारण 58% बढ़ा टैक्स रिफंड्स है जो करीब ₹86,385 करोड़ तक पहुंच गया जिससे टैक्स नेट में वृद्धि के बावजूद सरकार को राजस्व का घाटा हुआ।