एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के प्रमुख शहरों में बिल्डर्स द्वारा सुविधाएं देने के लिए पिछले कुछ साल में औसत लोडिंग प्रतिशत को बढ़ाकर 40% किए जाने से अपार्टमेंट में सुपर-बिल्ट-अप एरिया और कारपेट एरिया के बीच का अंतर बढ़ गया है। इसका मतलब यह है कि मकान खरीदार को ज़्यादा कीमत चुकाने के बावजूद फ्लैट में कम स्पेस मिला।