एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारतीय तेल कंपनियां अब भी रूस से तेल खरीद रही हैं और उनके फैसले दाम व कच्चे तेल के ग्रेड जैसे आर्थिक कारणों पर आधारित हैं। बकौल रिपोर्ट, अगर भारत छूट वाला रूसी तेल नहीं खरीदता तो वैश्विक कीमतें मार्च 2022 के उच्चतम स्तर $137/बैरल के पार चली गई होतीं।