पुणे (महाराष्ट्र) के व्यवसायी प्रफुल्ल सारडा को 2017 में दायर RTI का जवाब 6 साल 7 महीने बाद मिला। पवन हंस लिमिटेड की इस देरी ने RTI सिस्टम की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। RTI कानून 30 दिन में जवाब देने का नियम तय करता है, लेकिन यहां वर्षों तक कोई सुनवाई नहीं हुई।