सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अमेरिकी संसदीय समिति को दिए गए लिखित जवाब में बताया है कि कंपनी विज्ञापनदाताओं को यूज़र्स की दिलचस्पी और व्यवहार के आधार पर ऐड दिखाने का मौका देती है। फेसबुक ने यह भी स्पष्ट किया कि वह जाति, धर्म या लैंगिकता आदि के आधार पर विज्ञापनदाताओं को अपने यूज़र्स को टार्गेट नहीं करने देती है।