ईपीएफओ ने लाखों सदस्यों को राहत देते हुए पीएफ ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल बनाया है। अब से अगर दो नियोक्ताओं के बीच किसी सदस्य की सेवा अवधि में टकराव (सर्विस ओवरलैप) होता है तो इस आधार पर पीएफ क्लेम को खारिज नहीं किया जाएगा। वहीं, प्रोफाइल अपडेट और जॉइंट डिक्लेरेशन की प्रक्रिया को भी सरल और डिजिटल किया गया है।