महाराष्ट्र की एक अदालत ने एक शख्स की हत्या के मामले में एक महिला को बरी करते हुए कहा कि आरोपी पर संदेह था लेकिन अभियोजन पक्ष उसके अपराध को साबित करने में विफल रहा। बकौल अदालत, शक चाहे कितना भी मज़बूत क्यों न हो, सबूत की जगह नहीं ले सकता। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, दोनों में आपसी संबंध थे।