सेबी ने आईपीओ नियमों में बदलाव करते हुए कहा कि लिस्टिंग के बाद कंपनी का मार्केट कैप ₹5 लाख करोड़ से अधिक है तो वो अपनी चुकता शेयर वैल्यू का न्यूनतम 2.5% हिस्सा बेच सकेगी। वहीं, ₹50,000 करोड़ से ₹1 लाख करोड़ मार्केट कैप वाली कंपनियों को 3-साल की बजाय 5-साल में 25% की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करनी होगी।