बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक किशोरी से छेड़छाड़ के आरोपी 35-वर्षीय व्यक्ति को बरी करते हुए कहा है कि 'आई लव यू' कहना केवल भावनाओं की अभिव्यक्ति है, ना कि यौन इच्छा प्रकट करना। नागपुर की एक सत्र अदालत ने आरोपी को पॉक्सो ऐक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए उसे 3 साल के कारावास की सज़ा सुनाई थी।