भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने उस दावे को फर्ज़ी बताया है जिसमें कहा गया था कि ट्राई के ट्रेसिबिलिटी सुनिश्चित करने के निर्देश के बाद 1 दिसंबर से लोगों तक ओटीपी पहुंचने में देरी होगी। दरअसल, ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से मेसेज ट्रेसिबिलिटी को अनिवार्य करने को कहा है ताकि संदिग्ध ओटीपी पर लगाम लगाई जा सके।