फिल्ममेकर करण जौहर ने एक इंटरव्यू में कहा है, "मैं दसवीं कक्षा में एक लड़की को पसंद करने का नाटक करता था।" उन्होंने कहा, "आज 'गे', 'होमो' जैसे शब्द कहे जाते हैं...तब 'पैन्ज़ी' कहा जाता था। इस शब्द ने मुझे बहुत परेशान कर दिया था।" बकौल करण, अभिनेता शाहरुख खान पहले शख्स थे जिन्होंने कभी उन्हें कमतर महसूस नहीं कराया।