एमआईटी मीडिया लैब के एक अध्ययन के मुताबिक, चैटजीपीटी के इस्तेमाल से सोचने की क्षमता और याददाश्त कमज़ोर हो सकती है। अध्ययन में 18-39 साल के 54 लोगों को चैटजीपीटी, गूगल सर्च और बिना किसी डिजिटल मदद के निबंध लिखने को कहा गया था। ईईजी (इलेक्ट्रोएंसेफेलोग्राम) स्कैन में चैटजीपीटी इस्तेमाल कर रहे लोगों का मस्तिष्क सबसे कम ऐक्टिव पाया गया।