इतिहासकारों के अनुसार, अकबर की सौतेली बहन बख्शी बानो बेगम जब 10 वर्ष की थी तब उसका निकाह सुलेमान शाह मिर्ज़ा से करवाया गया था। बख्शी हुमायूं और गुंवर की बेटी थी लेकिन 20-वर्ष की आयु में वह विधवा हो गई जिसके बाद अकबर ने उसका निकाह शरीफ उद-दीन हुसैन अहरारी से करवाकर बहनोई को अजमेर का वायसरॉय बनाया था।