पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काशी में जो भी मनुष्य प्राण त्यागता है भगवान शिव स्वयं उसके कान में 'तारकमंत्र' बोलते हैं जिससे जीवात्मा को सीधे जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति (मोक्ष) मिल जाती है। मान्यता है, काशी में मृत्यु को प्राप्त करना पूर्व जन्म के अच्छे कर्म ही होते हैं और इसलिए काशी में मृत्यु को 'मंगल' बताया गया है।