गुरुवार का व्रत रखना सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि आत्मनियंत्रण और मानसिक संतुलन का अभ्यास है। जब व्यक्ति एक दिन उपवास रखता है तो शरीर डिटॉक्स होता है और मन एकाग्र होता है। इससे निर्णय क्षमता और सोचने की शक्ति बढ़ती है। इसकी के चलते कहा जाता है गुरुवार का व्रत भाग्य नहीं, व्यक्ति का नजरिया बदल देता है।