UNESCO के मेमरी ऑफ वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया गया भरतमुनि का नाट्यशास्त्र भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथों में से एक है। नाट्यशास्त्र में संगीत की विधाओं के साथ गायन, नृत्य, कविता, नाटक और सौंदर्यशास्त्र समेत कई विधाओं की विस्तृत जानकारी दी गई है। मान्यता है कि नाट्यशास्त्र से ही आधुनिक समय में कई वाद्ययंत्रों की जानकारी मिली है।