केरल में पढ़े-लिखे किसान भी आत्महत्या कर रहे है। आरटीआई कार्यकर्ता प्रफुल्ल सारडा को NCRB से मिली जानकारी के अनुसार, 2015-2022 में केरल में 1,893 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जबकि बिहार और बंगाल में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ। सवाल उठता है क्या सिर्फ साक्षरता ही काफी है या अब नीतियों में भी सुधार ज़रूरी है?