हैकर्स फेक ईमेल/वेबसाइट/मेसेज के ज़रिए यूज़र्स से उनकी लॉगिन डिटेल्स चुराते हैं। कई बार बड़ी कंपनियों के सर्वर पर हमला कर हैकर्स यूज़र्स की जानकारी चोरी कर लेते हैं। इसके अलावा, कीलॉगर मैलवेयर कीबोर्ड पर टाइप की गई हर जानकारी को रिकॉर्ड कर हैकर तक पहुंचा देता है। वहीं, पब्लिक वाई-फाई से भी पासवर्ड आसानी से हैक हो सकता है।