आयकर विभाग ने मनी लॉन्डरिंग को लेकर कुछ चीनी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों के यहां छापेमारी की। इसमें चीनी नागरिकों के कहने पर फर्ज़ी कंपनियों के करीब 40 खाते खुलवाकर उनमें ₹1,000 करोड़ से अधिक भेजने का खुलासा हुआ है। बतौर विभाग, एक चीनी कंपनी की सहायक व संबंधित फर्मों ने मुखौटा कंपनियों से ₹100 करोड़ का लोन लिया।