भाषाविद सुरेश पंत ने बताया है, "भगवद्गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं- 'अवाच्यवादांश्च बहून् वदिष्यन्ति तवाहिताः'। तेरी निंदा करते हुए लोग न कहने योग्य वचन कहेंगे, अर्थात् तुम्हें ट्रोल करेंगे...ट्रोल को संस्कृत में 'अवाच्यवादी' कह सकते हैं।" उन्होंने बताया, "अवाच्यवादी की निष्पत्ति कुछ इस प्रकार होगी- न वाच्य (अवाच्य), अवाच्य है जो वाद- अवाच्यवाद और अवाच्यवाद बोलता है जो व्यक्ति- अवाच्यवादी।"