भारत में लग्ज़री रेज़िडेंशियल मार्केट में 2025 में ज़बरदस्त तेज़ी आई है। ANAROCK की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआरआई-एचएनआई बायर्स अब भारतीय लग्ज़री हाउसिंग को 'सेकेंड होम', 'रीलोकेशन बेस' या 'लॉन्ग टर्म सेफ्टी' के तौर पर देख रहे हैं। वहीं, डॉलर के मुकाबले रुपए की कमज़ोरी के चलते एनआरआई खरीदारों के लिए भारत में प्रॉपर्टी खरीदना और सस्ता हो गया है।